उप्रावि सिमरा में पोने पांच लाख रुपए लागत से सौर ऊर्जा संचालित मिनी जलमिनार 05 वर्षों से खटाई में

 छात्र घरों से बोतल में पानी लेकर विद्यालय आकर बुझा रहे अपनी प्यास

रामगढ़/रामजी साह

इन दिनों रामगढ़ में छोटे से छोटे और बड़े से बड़े पदाधिकारी ज्यादातर अपनी कमाई पर ज्यादा ध्यान केंद्रित कर रहे हैं उन्हें ग्रामीणों की समस्याओ से कुछ भी नहीं लेना देना रह गया है। आबुआ राज्य में रामगढ़ में पेयजल जेसे महाविक्राल  भारी किल्लतो का लोगों को  सामना करना पड़ता है जिसके समस्या  को न ही राजनेता न ही मुखिया ने ही प्रशासनिक पदाधिकारी  ही संज्ञान ले रहे हैं। आज पेयजल के लिए हाराकार मचा हुआ है , छात्र छात्राओं को घर से बोतल पर पानी विद्यालय ढोकर अपनी प्यास बुझाना पड़ रहा है।

 रामगढ़ में विगत 10बरसो से करोड़ों  रुपए की लागत से नीर निर्मल परियोजना,,14वीं एंव 15, वीं वित के सैकड़ों सौर ऊर्जा संचालित मिनी जलमिनार  कई बरसों से खटाई  में पड़ा  है । ये परियोजनाएं सिर्फ शोभा का बस्तु बन कर रह गया । रामगढ़ में कई बीडीओ आये और अपने जेबें गर्म कर चले गये लेकिन रामगढ़ में पेयजल की समस्या बरकरार है। 

रामगढ़ उच्च विद्यालय,सिलठा ऐ,सिलठा बी,भालसुमर, डेलीपाथर , अमरपुर के बुढीझिलवा समेत 06 निर निर्मल परियोजना जो 10 बर्ष पुर्व 70/70 लाख रुपये से बनाये गये थे जो निर्णय के 9 बरसों से खराब पड़ा है।वहीं सिमरा प्रावि मतदान केंद्र भी है फिर भी वहां 14 वीं वित के पोने पांच लाख रुपए की लागत से सौर ऊर्जा संचालित मिनी जलमिनार 05 सालों से खराब है बच्चे बोतल में पानी भरकर विद्यालय ले जाकर अपनी प्यास बुझाने पर विवस है।फिर भी स्थानीय प्रशासन मौन धारण कर सरकारी ऐयर कंडिशन कमरे में आराम फरमा रहे हैं।

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